बंदना कलिता का मामला
29 अगस्त 2022 को, गुवाहाटी, असम में, 32 वर्षीय बंदना कलिता नाम की एक महिला नूनमाटी पुलिस स्टेशन में अपने पति अमरज्योति डे और सास शंकरी डे के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंची। उनके अनुसार, दोनों 26 जुलाई से लापता थे, और उनका कोई संपर्क नहीं हो पा रहा था। दुर्भाग्यवश, इस रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने केवल सतही जांच की, जिससे कोई सुराग नहीं मिला।
चार दिन पहले, 25 अगस्त को, बंदना कलिता ने अपनी सास के भतीजे और अमरज्योति के चचेरे भाई निर्मल्या डे से मदद मांगी थी। लेकिन इतनी बड़ी खबर सुनने के बावजूद निर्मल्या का रवैया बहुत उदासीन था, जैसे कि उन्होंने इस बात पर ध्यान ही न दिया हो। समय बीतता गया, लेकिन अमरज्योति और शंकरी की कोई खबर नहीं थी, और बंदना कलिता के अलावा कोई उन्हें ढूंढने की कोशिश भी नहीं कर रहा था, जिसने पुलिस से मदद मांगी थी, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

30 अक्टूबर 2022, लगभग दो महीने बाद, निर्मल्या शंकरी डे के जोगा माया अपार्टमेंट्स, तिनियाली, गुवाहाटी में उनके घर गए। पड़ोसियों ने बताया कि शंकरी काफी पहले ही अपने बेटे और बहू, यानी बंदना कलिता और अमरज्योति, के साथ नारंगी में रहने चली गई थीं। नारंगी में अमरावती अपार्टमेंट्स, जो वहां से केवल 6 किलोमीटर दूर था, में रहते थे। लेकिन जब निर्मल्या वहां गए, तो पड़ोसियों ने बताया कि उन्होंने कई दिनों से शंकरी को वहां आते-जाते नहीं देखा। इसके बावजूद, निर्मल्या ने ज्यादा नहीं सोचा और वहां से चले गए।
निर्मल्या डे का उदासीन रवैया और दूसरी रिपोर्ट
लगभग 20 दिन और बीतने के बाद, जब निर्मल्या का शंकरी डे और अमरज्योति से कोई संपर्क नहीं हुआ, तब 21 नवंबर 2022 को उन्होंने नूनमाटी पुलिस स्टेशन में एक और लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई। अब, दो लापता होने की शिकायतें दर्ज हो चुकी थीं: एक बंदना द्वारा 29 अगस्त को और दूसरी निर्मल्या द्वारा लगभग तीन महीने बाद 21 नवंबर को।
शंकरी डे की संपत्ति और धन संबंधी शक
62 वर्षीय शंकरी डे असम पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी लिमिटेड की एक सेवानिवृत्त कर्मचारी थीं। उनके पास नूनमाटी और चांदमारी में पांच फ्लैट थे, जिन्हें उन्होंने किराए पर दे रखा था, और गुवाहाटी के लाल गणेश क्षेत्र में एक जमीन भी थी, जिसकी वह सह-मालिक थीं। उनकी पेंशन और किराये की आय से उन्हें हर महीने अच्छी खासी राशि मिलती थी। निर्मल्या और बंदना कलिता दोनों ने पुलिस से संदेह जताया कि धन के लालच में किसी ने शंकरी और अमरज्योति का अपहरण कर लिया हो। हालांकि, कोई फिरौती की मांग न होने के कारण पुलिस को इस दृष्टिकोण में कुछ खास नहीं लगा, और उनकी जांच ढीली रही।
निर्मल्या को बाद में पता चला कि शंकरी के फ्लैट्स का किराया बंदना कलिता ही इकट्ठा कर रही थी और हाल ही में उसने एक फ्लैट को तीन नए किरायेदारों को दिया था। जब निर्मल्या ने यह बात पुलिस को बताई, तो पुलिस को यह अजीब नहीं लगा, क्योंकि सास की अनुपस्थिति में बहू के रूप में बंदना कलिता का किराया इकट्ठा करना उचित लग सकता था। बंदना खुद लगातार पुलिस स्टेशन जाकर इस मामले में ठोस जांच के लिए दबाव बना रही थी।
पुलिस की लापरवाही और शिकायतें
14 फरवरी 2023 को, बंदना ने कमिश्नर कार्यालय में जाकर पुलिस की निष्क्रियता के खिलाफ शिकायत दर्ज की। उसी दिन, निर्मल्या ने भी इस मामले में कोई प्रगति न होने के कारण आपराधिक जांच विभाग में शिकायत दर्ज कराई। इन शिकायतों के बाद, पुलिस ने आखिरकार इस मामले को गंभीरता से लिया और डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस कल्याण पाठक के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम बनाई।
बंदना कलिता पर बढ़ते संदेह
- जांच नए सिरे से शुरू हुई, जिसमें बंदना और निर्मल्या दोनों पर ध्यान केंद्रित किया गया। शुरुआती पूछताछ के दौरान, पुलिस को बंदना कलिता के बयानों में कुछ असंगतियां नजर आईं, जिससे उन पर शक बढ़ता गया। पुलिस ने बंदना और शंकरी के बैंक खातों की जांच की और पता चला कि बंदना कलिता ने हाल के महीनों में शंकरी के एटीएम कार्ड का उपयोग करके लगभग 5 लाख रुपये निकाले थे।
- 17 फरवरी 2023 को, बंदना कलिता को फिर से पूछताछ के लिए बुलाया गया। शुरू में, उसने जांच कर रही टीम को गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन दो दिन तक लगातार सवालों के बाद, वह टूट गई और आखिरकार उसने ऐसा कबूलनामा दिया, जिसने सभी रिश्तों के मायने बदल दिए। बंदना कलिता ने बताया कि उसके पति और सास, दोनों अब इस दुनिया में नहीं हैं, क्योंकि उसने ही दोनों की हत्या कर दी थी, और इस अपराध को उसने अकेले नहीं, बल्कि अपने दो खास दोस्तों, धन डेका और अरूप डेका की मदद से अंजाम दिया था।
बंदना का कबूलनामा और सनसनीखेज खुलासा
गुवाहाटी डबल मर्डर केस में मुख्य आरोपी बंदना कलिता को छह दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया। उसने खुलासा किया कि 26 जुलाई 2022 को, जब वह पहली बार नूनमाटी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने गई थी, उससे लगभग एक महीने पहले, वह, धन, और अरूप गुवाहाटी के तिनियाली में जोगा माया अपार्टमेंट्स के एक 2BHK फ्लैट में पहुंचे,
शंकरी डे की निर्मम हत्या की पूरी कहानी
जहां उसकी सास शंकरी डे अकेले रह रही थीं। उस समय शंकरी सोफे पर बैठकर टीवी देख रही थीं। उनकी अनजान स्थिति का फायदा उठाकर, बंदना ने पीछे से एक तकिए से उनका चेहरा दबाना शुरू किया, जबकि अरूप ने उनके पैर पकड़ लिए। बंदना ने तब तक तकिया नहीं हटाया, जब तक शंकरी की सांसें बंद नहीं हो गईं।
हैवानियत यहीं नहीं रुकी। शंकरी की हत्या के बाद, बंदना कलिता ने एक बेलन उनकी गर्दन के पीछे रखा और एक मशेटी (बड़ा चाकू) की मदद से उनके सिर को धड़ से अलग कर दिया। इसके बाद, अरूप ने शरीर को तीन टुकड़ों में काटकर पॉलिथीन बैग में भर दिया, जबकि बंदना कमरे में फैले खून को साफ करने लगी। इस दौरान, तीसरा व्यक्ति धन डेका घर के बाहर निगरानी कर रहा था।
अगली सुबह, लगभग 3 बजे, तीनों धन की कार में बैठकर शव को ठिकाने लगाने के लिए मेघालय की ओर निकल गए। कुछ हिस्सों को कंबल में और कुछ को प्लास्टिक शीट में लपेटकर सुबह 10 बजे के आसपास एक घाटी में फेंक दिया गया। शंकरी का सिर, एक हाथ, और हत्या में इस्तेमाल मशेटी और बेलन को अलग-अलग स्थानों पर ठिकाने लगाया गया ताकि पुलिस के लिए उन्हें ढूंढना मुश्किल हो।
पति अमरज्योति डे की हत्या का खौफनाक सच
शंकरी की हत्या के 22 दिन बाद, 17 अगस्त 2022 को, बंदना ने अपने पति अमरज्योति की भी हत्या कर दी। अमरावती अपार्टमेंट्स के फ्लैट नंबर 11 में, जब अमरज्योति मौजूद था, बंदना ने पीछे से एक लोहे की रॉड से इतनी ज़ोर से वार किया कि उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद, अरूप और धन ने अमरज्योति के शरीर को पांच टुकड़ों में काटकर प्लास्टिक शीट में लपेट दिया। अगली सुबह, तीनों उसी कार में भारत-बांग्लादेश सीमा के पास जंगलों की ओर निकल गए और वहां अमरज्योति के शव को ठिकाने लगा दिया।
19 फरवरी 2023 को बंदना कलिता के कबूलनामे के बाद, पुलिस ने तुरंत धन को तिनसुकिया और अरूप को खानपारा से गिरफ्तार कर लिया। दोनों ने थोड़ी पूछताछ में ही अपने अपराध कबूल कर लिए। पुलिस तीनों को मेघालय के नोंगियाद गांव ले गई, जहां छानबीन के बाद कुछ शव के हिस्से मिले, जिन्हें शंकरी का माना गया। निर्मल्या और उनकी पत्नी को शव की पहचान के लिए बुलाया गया, लेकिन छह महीने से अधिक समय बीतने के कारण शव की स्थिति ऐसी थी कि पहचान करना मुश्किल था।
हालांकि, उन्होंने एक सफेद और लाल रंग की नाइटी के टुकड़े को पहचान लिया, जो शंकरी अक्सर पहनती थीं। शव के हिस्सों को पोस्टमॉर्टम के लिए गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज भेजा गया।
पुलिस ने अमरज्योति के शव के हिस्सों को भी मेघालय के डॉगी फॉरेस्ट से बरामद किया, जहां तीनों ने उन्हें फेंका था। साथ ही, हत्या में इस्तेमाल मशेटी और हुंडई एक्सेंट कार, जिससे शव के हिस्सों को ठिकाने लगाया गया था, को भी ज़ब्त कर लिया गया। बंदना के पास से शंकरी का एटीएम कार्ड और तीनों के फोन भी ज़ब्त किए गए। पुलिस ने इमरान अली उर्फ छोटू नामक व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया, जिसने बंदना को 320 रुपये में वह मशेटी बेची थी। अमरज्योति के खून से सने कपड़े और तकिया भी अमरावती अपार्टमेंट्स के पीछे से बरामद हुए।
कुछ सूत्रों के अनुसार, बंदना ने अरूप डेका को इस अपराध में साथ देने के लिए 2 लाख रुपये दिए थे, जो उसने अपनी शादी के लिए मांगे थे। बंदना, धन, और अरूप ने कुछ ही दिनों में दो लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी थी। लेकिन अभी भी कई सवाल थे जो पुलिस को सोचने पर मजबूर कर रहे थे। 26 जुलाई से 17 अगस्त के बीच 22 दिनों में क्या किसी ने भी शंकरी से मिलने या संपर्क करने की कोशिश नहीं की थी? क्या अमरज्योति ने भी अपनी मां से इन 22 दिनों में संपर्क नहीं किया था?
और अमरज्योति की हत्या के बाद भी क्या किसी को इस बात पर शक नहीं हुआ कि वह लापता है?
पड़ोसियों से पूछताछ में कुछ लोगों ने बताया कि उन्होंने बंदना को अपने घर की छत पर कुछ गद्दे और कपड़े जलाते देखा था। इसके बाद, शायद पड़ोसियों के सवालों से बचने के लिए, बंदना अपने मायके, असम के पानी खेती गांव, चली गई थी। शंकरी के घर के पास रहने वालों ने बताया कि हत्या के अगले ही दिन बंदना उनके फ्लैट पर आई थी और उसने बताया कि शंकरी नारंगी में उसके और अमरज्योति के साथ रहने गई है।
पुलिस के सामने अब इस मामले से जुड़ी हर जानकारी थी, लेकिन इन दोनों हत्याओं के पीछे बंदना का मकसद क्या था? यह अभी तक पुलिस के लिए अज्ञात था। जिस अमरज्योति को बंदना कलिता ने बेरहमी से मारा था, उसी के साथ वह बीकॉम के दूसरे वर्ष में घर छोड़कर भागी थी और 12 साल पहले परिवार के खिलाफ जाकर उससे शादी की थी। इस शादी के खिलाफ न केवल बंदना कलिता का परिवार था, बल्कि अमरज्योति के घरवाले भी थे। लेकिन शादी के बाद उनकी ज़िंदगी पूरी तरह बदल गई थी।