योगेश बत्रा हत्याकांड एक सनसनीखेज साजिश की कहानी

योगेश बत्रा हत्याकांड
योगेश बत्रा

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योगेश बत्रा हत्याकांड:

हरियाणा के यमुनानगर जिले में जगाधरी शहर का एक शांत इलाका, हुडा सेक्टर। यहाँ एक शानदार बंगले में बत्रा परिवार रहता था। परिवार में थे योगेश बत्रा, उनकी पत्नी प्रियंका और उनके दो बच्चे। योगेश एक मशहूर बिजनेसमैन थे, जिनकी बत्रा प्लाईवुड नाम की कंपनी थी और कई अन्य कारोबार भी चलते थे। शहर के अमीरों में उनकी गिनती होती थी, और वह करोड़पति थे। प्रियंका से उनकी लव मैरिज हुई थी और शादी को 17-18 साल हो चुके थे। दोनों बच्चे स्कूल में पढ़ते थे, जबकि योगेश के माता-पिता उत्तराखंड के खट्टीमा में रहते थे। घर में सुख-शांति थी, पैसा, प्रॉपर्टी, खुशहाल परिवार—सब कुछ था।

28 मई 2016: एक चौंकाने वाली सुबह:28 मई 2016 को सुबह प्रियंका उठीं और उन्होंने योगेश को जगाने की कोशिश की, लेकिन योगेश ने कोई जवाब नहीं दिया। प्रियंका ने उन्हें हिलाया, आवाज दी, पर कोई हलचल नहीं। सांसें चेक करने पर पता चला कि उनकी सांसें थम चुकी थीं।

प्रियंका घबरा गईं। उन्होंने अपनी बेटी को बुलाया, आसपास के लोगों को इकट्ठा किया, और अपने पिता को फोन किया। पड़ोसियों और रिश्तेदारों के साथ योगेश को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। प्रियंका ने बताया कि रात को योगेश को घबराहट और पसीना हुआ था, शायद कोई बुरा सपना देखा हो। फिर वे सो गए थे, लेकिन सुबह यह हाल हो गया। सबने सोचा शायद साइलेंट हार्ट अटैक था।

 

प्राकृतिक मौत या साजिश?

योगेश के शव को घर लाया गया। प्रियंका के पिता, जो खुद डॉक्टर थे, ने भी यही कहा कि हार्ट अटैक की वजह से मौत हुई। योगेश के माता-पिता को खट्टीमा से बुलाया गया। घर में मातम छा गया। किसी को शक नहीं हुआ, सबने इसे प्राकृतिक मौत माना। प्रियंका के पिता की बात पर योगेश के माता-पिता ने भी भरोसा कर लिया। पोस्टमॉर्टम की बात किसी ने नहीं उठाई। 29 मई तक योगेश का अंतिम संस्कार कर दिया गया। उनके माता-पिता कुछ समय के लिए प्रियंका के साथ रुक गए ताकि उसे इस दुख में सहारा मिले। प्रियंका भी पति के जाने से दुखी दिख रही थी।

शक का बीज: माता-पिता की बेचैनी

योगेश बत्रा हत्याकांड
योगेश बत्रा

समय बीतने लगा। दिन हफ्तों में और हफ्ते महीनों में बदलने लगे। योगेश के माता-पिता, खासकर उनकी मां, को बेटे योगेश बत्रा हत्याकांड पर यकीन नहीं हो रहा था। मां को अजीब सपने आने लगे, जिसमें योगेश मदद मांगता दिखता और कहता कि कुछ गुंडे उसे मार रहे हैं। शुरू में परिवार ने इसे दुख की वजह से आने वाले सपने माना, लेकिन धीरे-धीरे पिता के मन में भी शक जागने लगा। योगेश स्वस्थ थे, हट्टे-कट्टे, और कोई बीमारी नहीं थी। हार्ट अटैक का कोई कारण नहीं दिखता था। दोनों ने सोचा कि कुछ गड़बड़ जरूर है।

योगेश बत्रा हत्याकांड में जासूसों की एंट्री: सनसनीखेज खुलासे

पिता जगाधरी पुलिस स्टेशन गए और शक जताया कि 27-28 मई के बीच योगेश बत्रा हत्याकांड प्राकृतिक नहीं थी। लेकिन पोस्टमॉर्टम नहीं हुआ था, शव भी नहीं था। पुलिस ने मामला दर्ज तो किया, पर ज्यादा गंभीरता नहीं दिखाई। पिता को लगा कि पुलिस कुछ करेगी नहीं। उन्होंने एक निजी जासूस एजेंसी को हायर किया। जासूसों ने योगेश की जिंदगी की हर डिटेल खंगालनी शुरू की।

जासूसों को पता चला कि योगेश और प्रियंका की कॉलेज में मुलाकात हुई थी। प्रियंका ब्यूटी कॉन्टेस्ट में मिस खालसा और मिस दिल्ली रह चुकी थीं। शादी के बाद सब ठीक चल रहा था, लेकिन माता-पिता ने जासूसों को बताया कि योगेश की मौत के बाद प्रियंका का व्यवहार बदल गया। शुरू में वह दुखी थी, लेकिन जल्द ही उसने योगेश का बिजनेस संभाल लिया और बच्चों को देहरादून पढ़ाई के लिए भेज दिया। वह सामान्य जिंदगी जीने लगी, जैसे कुछ हुआ ही न हो। माता-पिता को उसकी हंसी और फोन पर बातचीत अजीब लगने लगी। प्रियंका ने जल्दी से बिजनेस अपने नाम कर लिया, जो माता-पिता को खटक रहा था।

जासूसों ने प्रियंका पर नजर रखनी शुरू की। वह जिम जाती थी, और वहां का माहौल भी देखा गया। जुलाई महीने में प्रियंका अपनी बेटी के साथ चंडीगढ़ गई। जासूस भी पीछे-पीछे पहुंचे। वहां प्रियंका ने खूब पार्टी की और डांस किया। वह खुश दिख रही थी। वहां एक आदमी भी उनके साथ था। जासूसों ने उसकी तस्वीरें खींचीं। पता चला कि वह रोहित कुमार उर्फ एके है, जो प्रियंका का जिम ट्रेनर था। जासूसों को और चौंकाने वाली बात पता चली—प्रियंका ने रोहित को 32 लाख की गाड़ी गिफ्ट की थी। यह बात बताती थी कि दोनों के बीच सिर्फ दोस्ती नहीं थी।

कॉल डिटेल्स और लोकेशन: साजिश का पर्दाफाश

योगेश बत्रा हत्याकांड

जासूसों ने सारी जानकारी और तस्वीरें योगेश के पिता को दीं। पिता ने देखा कि रोहित पहले भी उनके घर आ चुका था। 23 जुलाई 2016 की रात की तस्वीरों में प्रियंका, उसकी बेटी और रोहित साथ दिखे। पिता इन सबूतों के साथ पुलिस के पास गए। 14 सितंबर 2016 को पुलिस ने प्रियंका और रोहित के खिलाफ केस दर्ज किया और पूछताछ शुरू की, लेकिन 12 अक्टूबर तक दोनों को क्लीन चिट दे दी गई। यह बात योगेश के माता-पिता को झटका दे गई।

जासूसों ने प्रियंका और रोहित के कॉल डिटेल्स और लोकेशन की जांच की, खासकर 27 और 28 मई के बीच की। पता चला कि इस दौरान उन्होंने करीब 40 बार एक-दूसरे से फोन पर बात की थी। साथ ही, उस रात 10:01 बजे से भोर 2:30 बजे तक रोहित की लोकेशन योगेश के घर के आसपास थी। यानी जिस रात योगेश की हार्ट अटैक से मौत हुई, उस रात प्रियंका अपने बॉयफ्रेंड रोहित से फोन पर बात कर रही थी, और रोहित उसी इलाके में मौजूद था। यह बात चौंकाने वाली थी।

गिरफ्तारी और सच का खुलासा

योगेश के पिता सीधे हरियाणा के डीजीपी के पास पहुंचे। उन्होंने सारी बातें बताईं—बेटे की मौत, प्रियंका का बदला व्यवहार, रोहित के साथ फोटो, कॉल डिटेल्स, और लोकेशन। डीजीपी हैरान रह गए। उन्हें शर्मिंदगी भी हुई कि एक 70 साल का बुजुर्ग इतने समय से परेशान है, और लोकल पुलिस ने कुछ नहीं किया। उन्होंने फौरन यह केस करनाल पुलिस को सौंपा और एसपी को जांच का आदेश दिया। एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) बनाई गई। अनौपचारिक रूप से गहन जांच शुरू हुई। पिता ने जासूसों से मिले सारे सबूत एसआईटी को दे दिए।

पुलिस ने योगेश के परिवार, पड़ोसियों, दोस्तों, और जानने वालों से पूछताछ की। पता चला कि प्रियंका और रोहित योगेश की मौत के बाद खुलेआम शहर में एकसाथ घूमते थे। रोहित कई बार योगेश के घर भी आया था। पुलिस ने 27 मई की रात की कॉल डिटेल्स और लोकेशन की आधिकारिक जांच की।

रोहित की लोकेशन वाकई प्रियंका के घर पर थी। साथ ही, उस रात दोनों ने एक फर्जी नंबर से बात की थी। उन्होंने अपने फोन में दूसरा सिम डाला था। योगेश बत्रा हत्याकांड में पुलिस ने यह भी पाया कि प्रियंका की बेटी ख्वाहिश का उस रात मां को कॉल आया था, जबकि वह उसी घर में थी। यह सवाल उठाता था कि कॉल की क्या जरूरत थी?

पुलिस ने पहले रोहित को 21 मार्च 2017 को गिरफ्तार किया। सख्त पूछताछ के बाद उसने सच उगला—योगेश की हत्या की गई थी, और इसमें प्रियंका शामिल थी। अगले दिन, 22 मार्च को, प्रियंका को यमुनानगर के घर से गिरफ्तार किया गया। फिर असली कहानी सामने आई।

2015 में प्रियंका का वजन बढ़ने लगा था। उसने जिम जॉइन किया, जहां रोहित उसका ट्रेनर था। धीरे-धीरे दोनों में नजदीकियां बढ़ीं और शारीरिक संबंध बन गए। योगेश की गैरमौजूदगी में रोहित घर पर मिलने आता था। जनवरी 2016 में योगेश को पत्नी की हरकतें पता चलीं। एक दिन उसने दोनों को आपत्तिजनक हालत में पकड़ लिया। गुस्से में उसने केस करने की धमकी दी। प्रियंका और रोहित ने माफी मांगी, वादा किया कि अब ऐसा नहीं होगा। मामला दब गया। लेकिन कुछ समय बाद फिर वही शुरू हो गया। प्रियंका उल्टा योगेश पर गुस्सा करने लगी, झगड़ा करने लगी। उसने धमकी दी कि अगर योगेश ने किसी को बताया, तो वह आत्महत्या कर लेगी और उसे फंसा देगी।

योगेश परेशान रहने लगा। प्रियंका डिवोर्स ले सकती थी, लेकिन योगेश अरबपति था, जबकि रोहित कर्ज में डूबा हुआ था। प्रियंका ने फैसला किया कि वह योगेश को रास्ते से हटा देगी ताकि उसकी सारी दौलत और प्रॉपर्टी उसकी हो जाए और रोहित के साथ प्यार भी बना रहे। रोहित भी तैयार हो गया।

उन्होंने दो लोगों को साथ लिया—श्याम सुंदर उर्फ सोनू, जो एक हॉस्पिटल में हेल्पर था, और सतीश कुमार, जिससे रोहित ने पैसे उधार लिए थे। दोनों सहारनपुर, उत्तर प्रदेश के थे। प्रियंका और रोहित ने उन्हें 1 लाख की सुपारी दी। योजना थी कि योगेश को नींद का इंजेक्शन देकर गला दबाकर मारेंगे और शव को नहर में फेंक देंगे।

27 मई की रात को फर्जी सिम से प्रियंका और रोहित ने खूब बात की। रात 10:00 बजे के आसपास प्रियंका इनोवा गाड़ी से रेलवे स्टेशन पहुंची और सोनू व सतीश को पिक किया। रोहित भी गाड़ी में था। कथित तौर पर प्रियंका की 16 साल की बेटी भी गाड़ी में थी। घर पहुंचकर तीनों पुरुष गाड़ी में रुके। प्रियंका ने पीछे का दरवाजा खुला रखने का वादा किया। वह और उसकी बेटी घर में गईं। बेटी फर्स्ट फ्लोर पर चली गई। 11:00 बजे के आसपास योगेश सोने चले गए। जब वह गहरी नींद में थे, प्रियंका ने पीछे का दरवाजा खोला और तीनों को बुलाया।

योगेश बत्रा हत्याकांड

हार्ट अटैक का नाटक

सोनू ने हॉस्पिटल से दो सिरिंज और नींद की दवा लाई थी। वे बेडरूम में पहुंचे, लेकिन योगेश की आंख खुल गई। रोहित और सतीश ने उसे पकड़ा। सोनू ने सुई लगाने की कोशिश की, लेकिन योगेश के विरोध से सुई टूट गई। दूसरी सुई भी टूट गई। प्लान फेल हो रहा था। प्रियंका ने कहा कि अब योगेश को सब पता चल गया है, उसे जिंदा नहीं छोड़ सकते। समय कम था, इसलिए तकिए से उसका मुंह दबाकर दम घोंट दिया गया। प्रियंका ने भी इसमें मदद की।

प्लान के मुताबिक शव को ठिकाने लगाना था, लेकिन प्रियंका ने कहा कि इसे यहीं छोड़ दो। उसे हार्ट अटैक के लक्षणों की जानकारी थी, और वह इसे हार्ट अटैक का मामला बना सकती थी। शरीर पर कोई खास चोट या खून नहीं था, जिससे शक हो। इसके बाद तीनों बदमाश चले गए।

प्रियंका ने कमरे की सफाई की और सुबह का इंतजार किया। सुबह उसने ड्रामा शुरू किया—लोगों को बुलाया, रोना-चिल्लाना शुरू किया, और कहा कि हार्ट अटैक से योगेश की मौत हुई। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मौत की पुष्टि की। प्रियंका ने सबको यकीन दिला दिया कि रात को घबराहट और पसीने की वजह से हार्ट अटैक हुआ। उसके पिता, जो डॉक्टर थे, ने भी इसकी पुष्टि की। सब यकीन कर गए, और अंतिम संस्कार हो गया।

न्याय का रास्ता

लेकिन योगेश बत्रा हत्याकांड में  माता-पिता को शक रहा। उन्होंने हार नहीं मानी। जासूसों और अपनी मेहनत से केस को सुलझाया। 24 मार्च 2017 तक सोनू और सतीश भी पकड़े गए। योगेश के पिता ने पोती के खिलाफ भी याचिका दायर की कि उसने मां का साथ दिया। वह घर में थी, फिर भी मां-बेटी ने फोन पर बात की। वह वॉचमैन की तरह पहरा दे रही थी। चंडीगढ़ में मां और रोहित के साथ पार्टी में भी थी। लेकिन हाई कोर्ट ने पोती को बरी कर दिया।

योगेश बत्रा हत्याकांड में  प्रियंका, रोहित, सोनू, और सतीश को 6 अगस्त 2021 को योगेश की हत्या के लिए उम्रकैद और 60,000 रुपये जुर्माना सुनाया गया। प्रियंका के परिजनों ने एक पुलिसवाले को रिश्वत देने की कोशिश की, जिसे मीडिया ने कैमरे में कैद किया। डीजीपी ने इस पर मामला दर्ज करवाया। फिलहाल यह केस हाई कोर्ट में चल रहा है।https://manojkanwar.com/मनीषा-हत्याकांड-भाग-1/

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