भारत के टॉप 5 डिफेंस स्टॉक्स :भारत के रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में एक 15 साल का स्ट्रैटेजिक डिफेंस प्रोग्राम लॉन्च किया है, जिसके तहत अगले 15 सालों में कई सौ अरब डॉलर का निवेश किया जाएगा। बतौर टैक्सपेयर, मुझे लगता है कि मेरे टैक्स का हर रुपया सही जगह जा रहा है, खासकर जब मैं ऑपरेशन सिंधुर जैसी सफलताएँ देखता हूँ। लेकिन एक निवेशक (Investor) के तौर पर, मुझे डिफेंस सेक्टर और भी ज्यादा आकर्षित करता है। भारी-भरकम निवेश और थलसेना, नौसेना और वायुसेना की 360-डिग्री मॉडर्नाइज़ेशन को देखते हुए, इस सेक्टर में जबरदस्त ग्रोथ की संभावना है।
उदाहरण के लिए, थलसेना को 1,800 नए टैंक मिलेंगे जिनमें UAV इंटीग्रेशन होगा। नौसेना 10 नेक्स्ट-जनरेशन फ्रिगेट खरीदेगी, जिनमें से हर एक की कीमत हज़ारों करोड़ होगी। वायुसेना 75 हाई-एल्टीट्यूड सैटेलाइट खरीदेगी। ये तो सिर्फ कुछ झलकियाँ हैं। और भी कई बड़े प्रोक्योरमेंट्स की डिटेल आप इस आर्टिकल में पढ़ सकते हैं। लेकिन एक बात साफ है: जो भी देश भारत को कमतर समझेगा, उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
अब बात करते हैं पहले स्टॉक की—BEML (भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड)। यह एक पब्लिक सेक्टर कंपनी (PSU) है। मैं इसके 2–3 मुख्य फायदे और फिर कुछ कमज़ोरियाँ बताऊँगा ताकि नज़रिया बिल्कुल बैलेंस्ड रहे।
BEML की मजबूती (Strengths):
- मार्जिन्स में सुधार: पिछले 4–5 सालों में BEML का EBITDA मार्जिन लगातार बढ़ा है। 2021 में यह 5.63% था, जो अगले वर्षों में बढ़कर 7.40%, 9.97%, 11.98% और 13.20% तक पहुँच गया। मैनेजमेंट का अनुमान है कि FY26 में यह और 150 बेसिस पॉइंट्स बढ़कर लगभग 15% तक पहुँच सकता है। मार्जिन बढ़ने का मतलब है कि भले ही रेवेन्यू ज्यादा न बढ़े, लेकिन प्रॉफिटेबिलिटी मज़बूत होगी।
- रेवेन्यू ग्रोथ गाइडेंस: मैनेजमेंट का दावा है कि आने वाले वर्षों में 20% CAGR ग्रोथ हासिल करना उनके लिए संभव है। हालांकि यह देखा जाना बाकी है कि वे इस टारगेट को पूरा कर पाते हैं या नहीं, लेकिन गाइडेंस पॉज़िटिव है।
- बढ़ती ऑर्डर बुक: पिछले तीन सालों में BEML की ऑर्डर बुक लगातार बढ़ी है और FY25 के अंत तक यह लगभग ₹14,000 करोड़ तक पहुँच गई।
BEML की कमज़ोरियाँ (Drawbacks):
- पूरी तरह डिफेंस कंपनी नहीं: BEML की केवल 27% कमाई डिफेंस से आती है, जबकि 54% माइनिंग और कंस्ट्रक्शन से और 19% रेल-मीट्रो से। यानी अगर आप सिर्फ “डिफेंस स्टॉक” में निवेश चाहते हैं, तो BEML सही विकल्प नहीं है।
- फ्लैट रेवेन्यू ग्रोथ: पिछले 3 सालों में कंपनी की आय लगभग स्थिर रही—₹3,899 करोड़ (FY22), ₹4,054 करोड़ (FY23), और ₹4,022 करोड़ (FY24)। यह चिंता पैदा करता है कि क्या मैनेजमेंट वास्तव में 20% CAGR ग्रोथ ला पाएगा।
- उच्च वैल्यूएशन: पिछले 3 सालों में BEML का मीडियन P/E लगभग 53 रहा है, जबकि अभी यह 56 पर ट्रेड कर रहा है। P/B रेशियो का मीडियन 4.9 है, जबकि वर्तमान वैल्यू 5.8 है। यानी साफ है कि BEML सस्ता स्टॉक नहीं है। अगर कंपनी 20% CAGR ग्रोथ दिखा दे तो वैल्यूएशन सही लग सकता है, लेकिन यह एक रिस्की दांव है।
स्टॉक 2: भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL)
इस कंपनी में कई लाल झंडे (red flags) दिखते हैं:
- स्टैग्नेंट रेवेन्यू: पिछले 5 सालों में रेवेन्यू में खास ग्रोथ नहीं हुई। FY21 में रेवेन्यू ₹3,345 करोड़ था, जो एक दशक पहले (2015–16) ₹4,000 करोड़ था। यानी ग्रोथ न के बराबर।
- अस्थिर फाइनेंशियल्स: PAT कभी ₹57 करोड़ (FY21), कभी ₹499 करोड़ (FY22), और फिर ₹352 करोड़ (FY23) । EBITDA मार्जिन भी 18% से 25%, फिर 16%, और फिर 22% तक उछलते-कूदते रहे। यह अस्थिरता निवेशकों के लिए चिंता का विषय है।
- ट्रांसपेरेंसी की कमी: 2025 में मैनेजमेंट ने कोई कॉन्फ्रेंस कॉल नहीं की, जिससे निवेशकों को कंपनी की स्थिति की जानकारी नहीं मिल पाई।
- हाई वैल्यूएशन: पिछले 3 सालों का मीडियन P/E 67 रहा है, जबकि अभी 96 है। P/B भी 13.6 है, जबकि मीडियन 9.6 था। इतनी ऊँची वैल्यूएशन को कमजोर ग्रोथ सपोर्ट नहीं करती।
- पॉज़िटिव पॉइंट: मार्च 2025 तक BDL की ऑर्डर बुक ₹22,800 करोड़ की है, जो BEML से बेहतर है। लेकिन यह कब रेवेन्यू में बदलेगा, यह तय नहीं है।
इन कारणों से अभी BDL निवेश के लिए आकर्षक नहीं लगती।
स्टॉक 3: भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL)
BEL डिफेंस सेक्टर में एक स्टार है—इसकी 90% कमाई सिर्फ डिफेंस से आती है।
- मज़बूत रिकॉर्ड: पिछले 5 सालों में BEL की आय लगातार बढ़ी है और FY25 में यह ₹23,000 करोड़ तक पहुँच गई—BDL और BEML से 6 गुना।
- बड़ी ऑर्डर बुक: FY25 के अंत में ऑर्डर बुक ₹71,000 करोड़ रही। हालाँकि पिछले साल के ₹75,000 करोड़ से थोड़ी कम है, फिर भी काफी बड़ी है। साथ ही QRSAM जैसे ऑर्डर्स से इसमें ₹40–50,000 करोड़ और जुड़ सकते हैं।
- बेहतर मार्जिन: EBITDA और PAT मार्जिन लगातार बढ़ रहे हैं। FY25 में PAT मार्जिन 23% के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँचा।
- ग्रोथ गाइडेंस: मैनेजमेंट का अनुमान 16–17% ग्रोथ का है। यह BEML के 20% से कम है, लेकिन BEL की लगातार ग्रोथ देखकर यह ज्यादा भरोसेमंद लगता है।
- वैल्यूएशन: BEL का मीडियन P/E 40 है, और अभी यह 51 पर ट्रेड हो रहा है। P/B मीडियन 10 है, जबकि अभी 14 है। वैल्यूएशन थोड़ी महँगी है, लेकिन बड़ी ऑर्डर बुक और विज़िबिलिटी इसे जस्टिफाई करती है।
स्टॉक 4: हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL)
HAL एक और उच्च-गुणवत्ता वाली PSU है, और इसका वैल्यूएशन पीअर्स के मुकाबले आकर्षक है।
- मैसिव ऑर्डर बुक: FY24 में ₹94,000 करोड़ की ऑर्डर बुक FY25 में दोगुनी होकर ₹1,89,000 करोड़ हो गई। यह डिफेंस कंपनियों में सबसे बड़ी है।
- मज़बूत प्रॉफिट ग्रोथ: टॉपलाइन ग्रोथ अभी 7–8% है, लेकिन PAT पिछले कुछ वर्षों में 24% CAGR से बढ़ा है।
- सस्ती वैल्यूएशन: HAL का P/E 36 है, जबकि बाकी पीअर्स 50–90 के बीच ट्रेड कर रहे हैं। कंपनी ₹14,000–15,000 करोड़ CAPEX में भी लगा रही है, जो इसके फ्यूचर ग्रोथ पर विश्वास दिखाता है।
स्टॉक 5: डेटा पैटर्न्स लिमिटेड
यह प्राइवेट डिफेंस इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी है, जिसने तेज ग्रोथ दिखाई है, लेकिन कुछ चिंताएँ भी हैं।
- ऐतिहासिक ग्रोथ: पिछले 5 सालों में रेवेन्यू 33% CAGR से बढ़ा है और प्रॉफिट भी लगातार बढ़ा है।
- हाल की मार्जिन गिरावट: Q1 FY26 में EBITDA मार्जिन 38% से गिरकर 32% और नेट प्रॉफिट मार्जिन 32% से घटकर 26% हो गया।
- ऑर्डर बुक में कमी: FY25 की ऑर्डर बुक, FY23–24 की तुलना में घट गई। अगर नए ऑर्डर्स नहीं आते तो ग्रोथ दबाव में आ सकती है।
- मैनेजमेंट आउटलुक: आने वाले 2–3 साल में 20–25% ग्रोथ का अनुमान है। छोटे प्लेयर के हिसाब से यह पॉज़िटिव है।
- हाई वैल्यूएशन: मीडियन P/E 71 है, और अभी यह 67 पर ट्रेड कर रहा है। जब तक ऑर्डर बुक नहीं सुधरती, यह एक रिस्की निवेश है।
अन्य डिफेंस स्टॉक्स
इन 5 कंपनियों के अलावा GRSE, कोचिन शिपयार्ड, मज़गाँव डॉक और ज़ेन टेक्नोलॉजीज़ भी अच्छे विकल्प हो सकते हैं, लेकिन यहाँ विस्तार से शामिल नहीं हैं।