
मनीषा हत्याकांड केस की शुरुआत – 11 अगस्त 2025 की दोपहर: इस photo में नजर आ रही है 19 साल की मनीषा, जो बाय नेचर एक शांत और शर्मीली लड़की थी जिसकी दुनिया सिर्फ अपने घर-परिवार तक ही सीमित थी। उसको अंदाजा नहीं था कि उसका अंजाम इतना दर्दनाक और इतना खौफनाक होगा जिसे देख शायद शैतान भी हिल जाए। इस केस में आगे जो होने वाला है, वह ना सिर्फ ढेरों सवाल खड़े करता है बल्कि यह दिखाता है कि कैसे इंसाफ के नाम पर दिन दहाड़े धूल झोंकी जा सकती है और इसे समझने के लिए हम इस केस से जुड़े हर पहलू की बात करेंगे और वह सवाल उठाएंगे जिसे दबाने के लिए यह सिस्टम हर पॉसिबल कोशिश कर रहा है।
इसलिए मेरी एक छोटी सी गुजारिश है कि इसे जितना हो सके सब तक जरूर पहुंचाइएगा। यह केस है हरियाणा के भिवानी डिस्ट्रिक्ट में लोहारू के धानी लक्ष्मण गांव का, जहां 11 अगस्त 2025 को हर रोज की तरह मनीषा अपने घर से किड्स केयर बाल विद्यालय के लिए निकलती है, जहां वह एज अ टीचर काम करती थी। मनीषा को उम्मीद नहीं थी कि घर से निकले उसके यह कदम वापस कभी दहलीज तक नहीं पहुंच पाएंगे।
- मनीषा हत्याकांड का आखिरी डिजिटल सबूत – सीसीटीवी फुटेज : उसी दिन दोपहर 1:58 पर मनीषा स्कूल से निकलकर पास के ही एक नर्सिंग कॉलेज में एडमिशन फॉर्म लेने के लिए गई थी और इस बारे में उसने अपने पिता को बता रखा था। यह फुटेज इकलौता डिजिटल एविडेंस है जिसमें मनीषा आखिरी बार देखी गई।

- मनीषा हत्याकांड’ पिता की बेचैनी और पुलिस की लापरवाही:दिन ढलने तक जब मनीषा घर नहीं पहुंची तो घर में मौजूद मनीषा के दादाजी को उसकी चिंता होने लगी। गुजरते वक्त के साथ दादाजी की चिंता बढ़ती जा रही थी और इसी चिंता में वह बस के ड्राइवर के पास पहुंचे जिस बस से मनीषा रोज स्कूल के लिए जाती थी।बस ड्राइवर ने दादाजी को बताया कि मनीषा को स्कूल के बाद कॉलेज में एडमिशन फॉर्म लेने जाना था, जिस वजह से उसे थोड़ा लेट हो गया होगा। बस ड्राइवर की यह बात सुनकर दादाजी के मन को थोड़ी शांति तो मिली, लेकिन जब शाम 4:30 बजे तक भी मनीषा घर नहीं लौटी तो उन्होंने मनीषा के पिता संजय सिंह को कॉल कर इन्फॉर्म करते हैं। देर शाम करीब 6:15 बजे संजय के पास मनीषा का कॉल आता है।
लेकिन 10 सेकंड चली इस कॉल में उधर से उन्हें मनीषा की कोई आवाज नहीं आती और कॉल कट जाती है। उसके बाद मनीषा का फोन स्विच्ड ऑफ आने लगता है। घर पर कॉल की तो पता चला मनीषा अभी तक घर नहीं लौटी थी।
- मनीषा हत्याकांड’ कॉलेज में स्टाफ का संदिग्ध रवैया:दिल में जब किसी अनहोनी का डर बढ़ने लगा तो बिना वक्त गवाए संजय तुरंत लोहारू से बस पकड़ कर सिंघनी के आइडियल इंटरनेशनल कॉलेज पहुंचते हैं। जहां से मनीषा नर्सिंग का फॉर्म लेने के लिए गई थी। जब संजय कॉलेज के गार्ड से पूछते हैं कि क्या वहां कोई मनीषा नाम की लड़की आई है? तो वह इंकार कर देता है। रिसेप्शन पर भी संजय को यही जवाब मिलता है। लेकिन संजय ने जो बात नोटिस की वह यह थी कि उस रिसेप्शन पर मौजूद उन तीनों ने ही शराब पी हुई थी। संजय ने तुरंत 112 डायल कर पुलिस को इन्फॉर्म किया और जब दोबारा वह पुलिस वालों के साथ कॉलेज पहुंचे तो कॉलेज स्टाफ ने सीसीटीवी फुटेज दिखाने से मना कर दिया। संजय अपने चाचा के साथ लोहारू पुलिस स्टेशन पहुंचते हैं और पुलिस से रिपोर्ट दर्ज करने के लिए कहते हैं।
- मनीषा हत्याकांड’ FIR दर्ज करने में पुलिस की टालमटोल: लेकिन पुलिस उनकी कोई भी बात सुनने से इंकार कर देती है और यह कहकर बात टाल देती है कि मनीषा किसी के साथ भाग गई होगी या दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने गई होगी और एक-द दिन में वापस आ जाएगी। पुलिस से ही अपनी बेटी के लिए ऐसी बात सुन और उनका यूं ढीला ढाला रवैया देख उसके पिता संजय बेबस और निराश होकर घर लौट आते हैं। अगले दिन सुबह यानी 12 अगस्त को संजय दोबारा लोहारू पुलिस स्टेशन पहुंचते हैं। जहां सारा दिन बस बहानेबाजी करने के बाद फाइनली शाम 5:30 बजे एएसआई शकुंतला उनकी रिपोर्ट दर्ज करती है।

इसके बाद जब एएसआई शकुंतला आइडियल कॉलेज जाकर सीसीटीवी फुटेजेस दिखाने के लिए कहती हैं, तो उन्हें भी कॉलेज स्टाफ फुटेज दिखाने से इंकार कर यह बोल देता है कि पुलिस की मौजूदगी में ही वह उन्हें सीसीटीवी फुटेज दिखा सकते हैं। पुलिस ना सिर्फ वहां से वापस लौट आती है बल्कि मनीषा के मोबाइल की लास्ट लोकेशन को ट्रेस करना तक जरूरी नहीं समझती।
- खेत में मिली मनीषा की लाश – दिल दहला देने वाला मंजर: अगले दिन 13 अगस्त को संजय के पास एएसआई शकुंतला का कॉल आता है कि उन्हें आइडियल कॉलेज से करीबन 1 किमी दूर एक नहर के पास एक खेत में एक लड़की की डेड बॉडी मिली है जिसकी शिनाख्त के लिए उन्हें वहां आना होगा। एएसआई की यह बात सुन संजय का दिल बैठ गया और वह बिना किसी देरी के बॉडी की शिनाख्त के लिए वहां पहुंच गए। बॉडी देखते ही संजय की मानो दुनिया पूरी तरह उजड़ गई थी। उनके सामने उनकी बेटी बेजान हालत में पड़ी हुई थी और बॉडी की कंडीशन ऐसी कि किसी का भी दिल सहम जाए।
मनीषा की बॉडी एक खेत में पड़ी हुई थी और उसका चेहरा बुरी तरह सेडीकंपोज हो चुका था जैसे उस पर एसिड डाला गया हो। उसकी दोनों आंखें गायब थी। चेहराइस कदर गल सा गया था कि पूरा जबड़ा नजर आ रहा था। मनीषा की गर्दन ऑलमोस्ट गायब थी और सिर्फ कुछ इंच से ही उसके शरीर से जुड़ी हुई थी। मनीषा की मौत की खबर पूरे गांव में आग की तरह फैल चुकी थी और जो भी मनीषा की बॉडी देख रहा था उन सभी के मन में यह सवाल था कि आखिर मनीषा की ऐसी हालत का जिम्मेदार कौन है?कौन है जो इस हैवानियत को अंजाम दे गया? जितने लोग मनीषा की मौत की खबर सुन रहे थे,
- मनीषा हत्याकांड’ गांव का गुस्सा और इंसाफ की मांग: उन सभी में अब गुस्सा बढ़ने लगा था और बड़ी तादाद में उस जगह भीड़ भी इकट्ठा होने लगी थी, जहां पुलिस को मनीषा की बॉडी मिली थी। गुस्साई भीड़ को देखते हुए पुलिस ने जल्दी-जल्दी उस एरिया को सीजकर बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भिवानी के सिविल हॉस्पिटल भिजवा दिया। पुलिस के शुरुआती रवैये की वजह से यह गुस्सा और था क्योंकि सभी का कहना था कि अगर पुलिस ने समय रहते एक्ट किया होता तो आज शायद मनीषा जिंदा होती।
धरने पर बैठे सभी लोगों की जुबान पर बस एक ही नारा था कि उन्हें मनीषा हत्याकांड’ के लिए इंसाफ चाहिए और वह तब तक नहीं रुकेंगे जब तक मनीषा के कातिलों को सजा नहीं मिल जाती। लेकिन मनीषा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जो सामने आया उसके लिए ना ही मनीषा का परिवार और ना ही हरियाणा के लोग तैयार थे। इनफैक्ट, उससे तो केस की तस्वीर ही बदल गई। जिसने भी बॉडी को देखा था, सबको इस बात पर यकीन था कि मनीषा के साथ रेप हुआ है और फिर उसका टॉर्चर कर मर्डर कर दिया गया है।
- मनीषा हत्याकांड’ पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने बदल दी तस्वीर :लेकिन 14 अगस्त को भिवानी सिविल हॉस्पिटल से आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अकॉर्डिंग डॉक्टर्स ने बताया कि मनीषा की किडनी और इंटेस्टाइन में ऑर्गेनो फास्फोरस, जो कि एक इंसेक्टिसाइड होता है, उसके ट्रेसेस मिले हैं।
- रेप और मर्डर एंगल पर पुलिस का इंकार: मनीषा हत्याकांड’ रेप के एंगल को यह बताकर डिनाई कर दिया गया कि मनीषा की बॉडी या कपड़ों पर सीमन नहीं मिला है और ना ही उसकी बॉडी पर कोई स्ट्रगल के मार्क्स हैं। सो पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बेसिस पर पुलिस इस नतीजे पर आ जाती है कि मनीषा का ना तो मर्डर हुआ है और ना ही रेप। इसके बाद मनीषा के परिवार के साथ पूरे राज्य की जनता का पुलिस और प्रशासन के खिलाफ गुस्सा